तू रोती रही मैं रुलाता रहा आंसूं जो पलकों से गिराए थे तुमने मुझे बेचैन बनता रहा रात मे नींद भी न जाने कहा जाता रहा तू रोती रही मैं रुलाता रहा तेरे हर जज़्बात को समझ जाने का दवा करता रहा पर न जाने क्यों तू रोती रही मैं रुलाता रहा तुम सच कहते हो मैं नहीं समझता जज़्बात तुम्हारे नहीं तो ऐसा न होता तू रोती रही मैं रुलाता रहा ठीक समझते हो तुम नहीं समझता जज़्बात तुम्हारे , पर ये भी सच है तेरी हर आंसू के बूँदैं के साथ मैं अपने आप को मिटाता रहा तू रोती रही मैं रुलाता रहा , तू रोती रही मैं रुलाता रहा #ripple