ओ जाते हुए दिसंबर सलाम मेरा ले जाना जो छूट गया है पिछे उस तक ये पहुंचाना कोई रूठा हो साथ जो छूटा हो तो मनाना दहलिज पर नववर्ष के उसको तुम ले आना है कामना यही रहे सब मिलजुल कर हुई गर गलती तो है ना उसको दोहराना हो कर्म ऐसा ना दुखे मन किसी का हमसे है सत्य की डगर पर सदा हमें चलना है प्रार्थना प्रभु से रहे सब खुशहाल करे देश मेरा उन्नति चमके सदा उसका भाल ना धर्म और मज़हब की हो कोई दीवार ना रूठे कोई रहीम ना दर्द में हो कोई राम चलो स्वागत में नववर्ष के गीत यही गाते हैं आओ हम सब मिलकर ये नववर्ष मनाते हैं ©Savita Suman #BlueEvening जाते हुए दिसंबर