Nojoto: Largest Storytelling Platform

लिए फिरते हो दिल अपना आखिर किसकी खातिर, ये बेरहम द

लिए फिरते हो दिल अपना आखिर किसकी खातिर,
ये बेरहम दुनिया दिल वालों की क़द्र कहाँ जानती है।
इश्क़, मोहब्बत,वफ़ा सब फ़रेब लगता है इन्हें,
जब अपना दिल टूटता है,तब प्यार क्या होता है मानती है।। लिए फिरते हो दिल अपना आखिर किसकी खातिर,
ये बेरहम दुनिया दिल वालों की क़द्र कहाँ जानती है।
इश्क़, मोहब्बत,वफ़ा सब फ़रेब लगता है इन्हें,
जब अपना दिल टूटता है,तब प्यार क्या होता है मानती है।।#jdpoetry #shayari #sadlove
लिए फिरते हो दिल अपना आखिर किसकी खातिर,
ये बेरहम दुनिया दिल वालों की क़द्र कहाँ जानती है।
इश्क़, मोहब्बत,वफ़ा सब फ़रेब लगता है इन्हें,
जब अपना दिल टूटता है,तब प्यार क्या होता है मानती है।। लिए फिरते हो दिल अपना आखिर किसकी खातिर,
ये बेरहम दुनिया दिल वालों की क़द्र कहाँ जानती है।
इश्क़, मोहब्बत,वफ़ा सब फ़रेब लगता है इन्हें,
जब अपना दिल टूटता है,तब प्यार क्या होता है मानती है।।#jdpoetry #shayari #sadlove