सब कर रहे हैं तारीफ मेरी,ये क्या कमाल कर दिया। ऐ मालिक लगता है तुने अंधेरे मे प्रकाश कर दिया।। नहीं है बुद्धि मेरी कि मैं समझ सकूं तेरे हर फैसले, पर लगता है तूने मेरे सिर पर हाथ रख दिया।। थामा है तुमने हाथ तभी तो मैं चल रहा हूं। मैं कांटा होकर भी थोड़ा थोड़ा खिल रहा हूं।। ©Dharmendra sharma #मालिक