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थोड़ी सी है बात मगर ,,, है बहुत कठिन ये रात मगर

थोड़ी सी है बात मगर ,,,
है बहुत कठिन ये रात मगर
 
मेहनत कर मैं वापस लौटा सखा घर आता हूं,
 

मजदूर हूं मै छोटे कद का मैं और कहां  क्या कह पता हूं।।

 सबकी रोटी मेरे जिम्मे सबकी खोटी मेरे सिरने ,,,
यूं रात सिसक रह जाता हूं ,,🥺

मजदूर हूं मैं  छोटे कद का मै 
और कहां क्या कह पता है।।

©Khushi maurya ki khushi
  #Journey छोटे कद का मजदूर

#Journey छोटे कद का मजदूर

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