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आँखो की गहराई को समज़ नही सकते, होंटो से कुछ कह नह

आँखो की गहराई को समज़ नही सकते,
होंटो से कुछ कह नही सकते.
कैसे बया करे हम आपको यह दिल का हाल की,
तुम्ही हो जिसके बागेर हम रह नही सकते.
✍sandeep samar Ritisha Jain #sad_shyari
आँखो की गहराई को समज़ नही सकते,
होंटो से कुछ कह नही सकते.
कैसे बया करे हम आपको यह दिल का हाल की,
तुम्ही हो जिसके बागेर हम रह नही सकते.
✍sandeep samar Ritisha Jain #sad_shyari