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बात बस इतनी सी है, जिक्र किसी की भी हो। याद बस तु

बात बस इतनी सी है, जिक्र किसी की भी हो। 
याद बस तुम्हारी  आती है। 
भले हीं किसी महफिल में हजारों की भीड़ हो,
लेकीन ये आँखे बस तुम्हें हीं तरासती रहती है।
बहुतों को मुहब्बत होती है मुझ से, 
लेकीन तेरी जैसी मुहब्बत करना किसी को नहीं आती है #kantesh @
बात बस इतनी सी है, जिक्र किसी की भी हो। 
याद बस तुम्हारी  आती है। 
भले हीं किसी महफिल में हजारों की भीड़ हो,
लेकीन ये आँखे बस तुम्हें हीं तरासती रहती है।
बहुतों को मुहब्बत होती है मुझ से, 
लेकीन तेरी जैसी मुहब्बत करना किसी को नहीं आती है #kantesh @