बाँट तो दिए ज़मीं को सरहदों में खींचकर लकीरें पर सरहद पार से आती हवा को तुम कैसे रोकोगे #बाँट तो दिए #ज़मीं को #सरहदों में खींचकर #लकीरें पर #सरहद पार से आती #हवा को तुम कैसे रोकोगे #nojotohindi