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अल्फाजों को पढ़कर समझे तो क्या समझे, खामोशियों को

अल्फाजों को पढ़कर समझे तो क्या समझे,
 खामोशियों को पढ़ कर दिखाओ तो जाने।

शिकायतें करने पर तो सुनता नहीं है कोई, 
अनसुनी शिकायतों को कोई कैसे पहचाने। 🎀 Challenge-374 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 25 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
अल्फाजों को पढ़कर समझे तो क्या समझे,
 खामोशियों को पढ़ कर दिखाओ तो जाने।

शिकायतें करने पर तो सुनता नहीं है कोई, 
अनसुनी शिकायतों को कोई कैसे पहचाने। 🎀 Challenge-374 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 25 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।