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किस वेश आवेश से भेंट हो, बचना यारो,ठेस से भेंट हो।

किस वेश आवेश से भेंट हो,
बचना यारो,ठेस से भेंट हो।
ठेस भी कातिल, मुंह के बल गिरो,
बहुत है मुमकिन, आज कल गिरो,
समझो , न संदेश से भेंट हो।
अपनों से भी होशियार रह,
सावधान बस खुद का यार रह,
दुश्मन जग,'पर'देश से भेंट हो।

©BANDHETIYA OFFICIAL #बेगाना होता जमाना !

#doori
किस वेश आवेश से भेंट हो,
बचना यारो,ठेस से भेंट हो।
ठेस भी कातिल, मुंह के बल गिरो,
बहुत है मुमकिन, आज कल गिरो,
समझो , न संदेश से भेंट हो।
अपनों से भी होशियार रह,
सावधान बस खुद का यार रह,
दुश्मन जग,'पर'देश से भेंट हो।

©BANDHETIYA OFFICIAL #बेगाना होता जमाना !

#doori