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मुझे बेखौफ दौड़ने को ये ज़मीन काफी है, मैंने देहल

मुझे बेखौफ दौड़ने को ये ज़मीन काफी है, 
मैंने देहलीज़ों के पार दिखती सभी संभावनाएं झाँकी हैं, 
मुझे तुम दो शमसीर मैं तूफा़न से लड़ने वाला हूँ, 
चुप हो चुकी आवाज़ों में मैं जान फुकने वाला हूँ, 
अराजक है मेरी बोली मगर मैं तलवार नहीं उठाऊँगा, 
अपनी ही धरती माँ को मैं अपना शीश नवाउँगा, 
मैं काल खण्ड के सभी खण्ड को जोड़ के चलने वाला हूँ, 
मैं पत्थर तो नहीं हूँ लेकिन मैं खामोश ना रहने वाला हूँ।

©Pràteek Siñgh #protest #petriotic #ourindia #Soul #nojoto2021 

#evening
मुझे बेखौफ दौड़ने को ये ज़मीन काफी है, 
मैंने देहलीज़ों के पार दिखती सभी संभावनाएं झाँकी हैं, 
मुझे तुम दो शमसीर मैं तूफा़न से लड़ने वाला हूँ, 
चुप हो चुकी आवाज़ों में मैं जान फुकने वाला हूँ, 
अराजक है मेरी बोली मगर मैं तलवार नहीं उठाऊँगा, 
अपनी ही धरती माँ को मैं अपना शीश नवाउँगा, 
मैं काल खण्ड के सभी खण्ड को जोड़ के चलने वाला हूँ, 
मैं पत्थर तो नहीं हूँ लेकिन मैं खामोश ना रहने वाला हूँ।

©Pràteek Siñgh #protest #petriotic #ourindia #Soul #nojoto2021 

#evening