नई नई बारिश में अगर मोहब्बत न देखा तो कुछ न देखा, ये न देखा कि पेड़ पर बारिश हुई भी है और दरख़्त सूखा नहीं के लगे चढ़ने चट्टान से भी हो गए मगर अब भी वो एहब न गयी बारिश हुई और पेड़ों पर छाले तो लिखे गए चले जो समझने सिर्फ मोहब्बत न लिखा चट्टानों में बारिश से भी कलम चली तो ये न देखा हर बार मन वही भूल जाने वाले मिट्टी से भाव जड़ हिली के चट्टान फटी किसी न देखा देखा सबने हर तरफ प्यार, अबे मूर्ख नामकूलों किसी ने मोहब्बत जैसी बात न लिखी तो सबने टैब ये न देखा देखा है सिर्फ वो जो तुमने ढिढोरा पीटा चाहे एक जगह चाहे अलग अलग बिन जाने ही सबने उल्टा ही समझा कहा था मैंने की सिर्फ़ लिखना ही है भाव का नहीं मैंने कुछ और न देखा ऊपर से इस जगह ने भी अंधड़ में कुछ और न देखा । #ख़तामेरी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi