किसान तपती धूप में भी आसमान ताके बारिश बरसे तो हल हाँके ! प्रेमी प्रेमिका तो ढूंढ रहे बहाने बरसे बदरा तो भीगें अगन मिटाने ! सरकार को अर्थव्यवस्था की पड़ी है पैदावार और पानी के आंकड़ों से जुड़ी है ! बच्चों को खेलना है भीगना है नाव भी डूबेगी माँ से भी पीटना है ! बरसाती मेंढकों का तो त्योहार है सीज़न है टर टर रोक म्यूजिक है या फ्यूजन है ! बरसते ही जल्दी से खाने के लिए दौड़ें भुट्टे गरम चाय और पकौड़े ! छाते, रेनकोट और कई व्यवस्थाएं भिगने और पानी टपकने से बचाएं ! कहीं अतिवृष्टि कहीं अनावृष्टि कहीं हर्षोल्लास पिकनिक मनाने चलें आयो श्रावण मास ! इस ज़मीन से लेकर दिल की ज़मीन तक, सब ओर सूखा पड़ा है। वो चाहे आसमानी बारिश हो या प्यार की बारिश। हर किसी को बारिश का इंतज़ार है। #बारिशकाइंतज़ार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi