तय जीत क्या करेगी बंजारों की मुकाम सब हार कर खड़े हैं नई लेने को उड़ान परहीन हम उड़ेगे छूने को आसमान हम लड़ेंगे बेहतरी को जब तक है जान जब तक है जान जब तक है जान © Banjare