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आज कल लोग सच्चे प्यार की नही, बस कुछ दिन साथ दे

आज कल  लोग सच्चे प्यार की नही,
 बस कुछ दिन साथ दे ऐसे यार की खोज करते है, 
आज कल तो सकल भी नही देखते लोग,
10 मिनट की चॅटिंग मे डिरेक् पुरपोज करते है, 
और कहते है की बेबी हम भी मशूर हो लैला
मजनू की तरह इस जमाने मे, मगर उनको क्या पता
जिंदगी से अल्बिदा कहना पड़ता  है इश्क़ का इतिहास बनाने मे. . 
                                        poet - mayank pandit आज का का इश्क़
आज कल  लोग सच्चे प्यार की नही,
 बस कुछ दिन साथ दे ऐसे यार की खोज करते है, 
आज कल तो सकल भी नही देखते लोग,
10 मिनट की चॅटिंग मे डिरेक् पुरपोज करते है, 
और कहते है की बेबी हम भी मशूर हो लैला
मजनू की तरह इस जमाने मे, मगर उनको क्या पता
जिंदगी से अल्बिदा कहना पड़ता  है इश्क़ का इतिहास बनाने मे. . 
                                        poet - mayank pandit आज का का इश्क़

आज का का इश्क़