कभी कभी मैं रात की तन्हाई में आसमान को देख कर सोचता हूं की कितना फर्क है इस चांद और तारों में, तारे चांद से हजार गुना बड़े और चमकदार होने के बावजूद भी हमारी नज़र में उतना महत्व नहीं रखते जितना की वो चांद जिसकी खुदकी कोई चमक या रोशनी भी नहीं, वो खुद तारों की रोशनी पर आश्रित है और तारों से चमक ले कर चमकता है। कुछ समझ में आ रहा है, हमारी लाइफ में भी ऐसा ही होता है। आपमें कितना हुनर कितना गुण है फर्क नहीं पड़ता, लोगों में आपकी उपयोगिता कितनी है इससे फर्क पड़ता है। चाहे आप किसी और के सहारे ही चमको लेकिन लोगों तक आपकी चमक पहुँचनी चाहिए। मतलब गुणवान होना उतना जरूरी नहीं जितना जरूरी है सोशल होना, सामाजिक होना। ©ASIF ANWAR गुणवान होने से बेहतर है सामाजिक होना। #socialwork #Life #Love #Nojoto #AsifAnwar