तेरी यादों के सहारे मैं जीना सीख रही हूँ छोटी-छोटी बात में हँसना और बिना बात के रोना भी सीख रही हूँ तेरी यादों के सहारे ज़िन्दगी की पथरीली राह पर चलना भी सीख रही हूँ परायों में अपनों को और अपनों में तेरा चेहरा देख रही हूँ तेरी यादों के सहारे मंज़िल को पाने की चाह में आगे बढ़ना भी सीख रही हूँ पैरों में चुभे काँटे को निकाल और अपने पीछे फूलों को छोड़ रही हूँ तेरी यादों के सहारे मैं जीना सीख रही हूँ तेरी यादों के सहारे मैं जीना सीख रही हूँ छोटी-छोटी बात में हँसना और बिना बात के रोना भी सीख रही हूँ तेरी यादों के सहारे ज़िन्दगी की पथरीली राह पर चलना भी सीख रही हूँ परायों में अपनों को और