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उदासी ताउम्र रहेगी अलिफ को, बस अधूरा काम थोड़ी था

उदासी ताउम्र रहेगी अलिफ को, बस  अधूरा काम थोड़ी था, 
मैं उसकी तकदीर होने आया था, बस Aksh नाम थोड़ी था, 
अरे तुम और इकट्ठा कर लेते शोहरत इस जमाने से, 

 बिका था प्यार पर वरना ,चंद सिक्कों की खनक मेरा दाम थोडी़ था, 


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उदासी ताउम्र रहेगी अलिफ को, बस  अधूरा काम थोड़ी था, 
मैं उसकी तकदीर होने आया था, बस Aksh नाम थोड़ी था, 
अरे तुम और इकट्ठा कर लेते शोहरत इस जमाने से, 

 बिका था प्यार पर वरना ,चंद सिक्कों की खनक मेरा दाम थोडी़ था, 


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