( सच है ) ऐ मेरे ख़ुदा मतलबी लोगों से मुझें दूर रख मुझें तन्हा रख मग़र झूठें लोगों से दूर रख। मक्कारों के बाज़ार में शामिल ना होने दे मुझें मीठे अल्फ़ाज़ों के मीठे ज़ुबानों के मुनाफ़िक़ों से दूर रख। हम तो सच के एक ख़ुदा पे मारने वाले है सारे आलम के ख़ुदाओं से मुझें दूर रख। मुनाफ़िक़ों के बाज़ार हर चौराहों सजती है ख़ुदा माशूम लोगों को तिज़ारत करने से दूर रख। ऐ मेरे खुदा मतलबी लोंगो से दूर रख मुझें तन्हा रख मगर झूठे लोगों से दूर रख। --------------------------------------------------------------- समाज मे फ़ैली बीमारी नफ़रतों की निशानी है तेरे मुंह पर तेरे है.मेरे मुंह पर मेरे है यहीं तो मुनाफ़िक़ों की हसली निशानी है अज़ीज़ अफज़ल✍️ ©Aziz Afzal #Dark Rashmika TanyaSharma Aditya Tayade(National silver medalist)