लिबास की कीमत औक़ात नही, बनो तो मजलूम का हिजाब बनो। बागों मे टहने अब सूखने को है, बंजर जमीं पर चलो आब बनो। एक #गजल के मुताल्लिक शेर। #शायरी #शायर #उर्दू #hindiurdu #urduwriters YourQuote Bhaijan #yqbhaijan #tarunvijभारतीय