उनसे दूर उनसे दूर हुए गुज़रा है एक ज़माना, एक अरसा बीत गया तेरा साथ छूटे हुए! तेरी हर बात पर आज भी आंखें भीग जाती है, आते हो जब ख़यालों में दस्तक देते हुए! तन्हाई बार बार तेरी ओर ही खींचा करती है, और तुम दिखाई देते हो महफ़िल सजाते हुए! तेरे अक्स पर मेरी आंखे चमक जाती है, जब नज़र आते हो तुम मुझे बुलाते हुए! रहकर जाना दूरियां क्या होती है? और रहते है राहों पर नज़र टिकाते हुए! बातें ज़माने भर की रोज़ दर रोज़ होती है, और रहते हैं ग़मों को हम गले लगाते हुए!! ©Swati kashyap #PoetInYou#उनसेदूर#स्वरचित#nojoto#nojotohindi#nojotowriter#nojotopoetry#nojotonews#गम#दर्द