किसी और युग की बात है,जब काम से कोई नाम होता था भरत वही कहलाता जिसमें क्षमताओं का संधान होता था अब काम नहीं सरनेम भला है, धोखे का लंबा खेल चला है अपनी पहचान छुपाकर सबने भोली जनता को खूब छला है नेता हों या फिर हों अभिनेता ,सब छद्म नाम से ठगते आए हैं जनता बस नाम देखती है , बगुले बन कर कौए ही पुजाए हैं छद्म नाम की माया है, तुम्हें तुम्हारी ही नज़रों में गिराया है संस्कृति के अचल हिमालय को मिट्टी के मोल बनाया है। सुप्रभात। महानता आती है काम से न कि बेवजह के नाम से। #महानता #collab #jayakikalamse #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi