आज डूबा हैं सूरज कल फिर से आएगा। वह अपना प्रकाश अपने साथ लाएगा। आज सफल नहीं हुआ तो क्या हुआ कल की दौड़ अभी बाकी हैं। आज बंजर पड़ी जमीन है। कल खेतों में लहराता अनाज होगा। आज दुखो का पहाड़ है। कल सुखो का सागर होगा। आज डूबा हैं सूरज कल फिर से आएगा। जैसा आज तू बोएगा कल वहीं तो पाएगा। आज परीक्षाओं का वक्त है कल सफलताओं का समय भी होगा। आज विपरीत वक्त को भोग कल अनुकूल प्रभात भी पाएगा । आज डूबा हैं सूरज कल फिर से आएगा । वह अपना प्रकाश अपने साथ लाएगा । वर्तिका शर्मा। धन्यवाद बदलता वक्त