आंखों में दरीया देखना, दिल में समंदर देखना, आसान नहीं है झांक कर किसी के अंदर देखना। मार्च में उसकी शादी है, मुझे जनवरी से पता है, बड़ा मुश्किल काम है ऐसे में कैलेंडर देखना। चिंथरी चिथरी जिंदगी को कब तक सी के जिना है, ऐ हाथ देखने वाले, मेरा मुक्कदर देखना। ना जाने क्यू सिने में अंगारे मेरे दहक रहे, इन लपटो में सिमट जाएगा ये शहर देखना। मरने वाली जगहो पर मुस्कुरा बैठा प्रतिहार, अरसों तक ना मिलेगा मुझ सा सिकंदर देखना। ✍️प्रतिहार। #प्रतिहार, फौलोव मी