टाईटल- जब तक हम ना कहे ले जाने का नहीं। ग़ज़ल आपकी सबको भाहीं, शायरी भी हमेशा गजब बनाई, बोलते थे हमेशा की , बुलाती हैं तो जाने का नहीं, बुलाती हैं तो जाने का नहीं, ओर जब खुद को बारी आई, तो चल दिए, ये कैसी ना इंसाफी , आपने हम सबके साथ दिखाई, एक बार भी आपने मौत को रोका क्यों नहीं, एक ग़ज़ल या शायारी सुना कर उसको टोका क्यो नहीं, उसको भी बोल देते की , जब तक बुलाते नहीं तो आने का नहीं, जब तक हम ना कहे हम ले जाने का नहीं, ओर पास मेरे आने का नहीं, ये सुने के क्या पता वो लौट जाती, आपको साथ ना ले जाके यही छोड़ जाती, आपकी ग़ज़ल ओर शायरी सुनके आप पर मोह जाती, । ओर आपको यहीं छोड़ जाती।।।।। 🙏🙏🙏🙏😞 भगवान आपकी आत्मा को शान्ति दे सर। ##नीरज सरोहा ## जब तक हम ना कहे ले जाने का नहीं ।🙏😟😞 #RIPRahatIndori