अक्सर वकालत का सहारा लिए फिरते है, कुछ अदीब अपनी बुराइयों को दलीलों से ढका करते है, बन जाते है मुफ्ती किसी की खामियों के.., जमीर से अपने निगाहे फेर लिया करते है..... ©Rishu Ji आइना जब भी उठाए ,पहले अपना दीदार कराए....✍️