छत पर कल शाम बैठा था मैं पन्नों पर कुछ लिखा रहा था मैं बे-ख़याली में यूँही कुछ लिख दिया दिल के शौक़ को ज़ियादा कर लिया हवा भी आयी थी तेरी खुशबू ले कर कुछ कह रही थी दम भर भर कर सुना जो ध्यान से तो तेरा नाम था मेरे साथ बैठा तेरा साया था हम अक्सर पार्कों में, खुली जगहों पर जाते हैं मगर वहाँ रहते नहीं। #हवाकहरहीथी #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqbesthindiquotes #bestyqhindiquotes #yqhindi #aprichit Collaborating with YourQuote Didi