गेसुओं में बसाई हैं तुमने लताएं कई माथा तुम्हारा जैसे कोई गंगा का मैदान हो नयन तेरे झीलों से भी गहरे दिखाई दें पलकों पर तो आया जैसे समुन्दर का तूफान हो रूख़्सारों की कोमलता जैसे पुष्प की कली उसपे बिखरी लालिमा जैसे खूबसूरत सी कोई शाम हो अधरों का आकर्षण दिल को मोह लेता है होता है मतवाला भंवरा जैसे पीकर पुष्प के जाम को गर्दन तो इक सुराही दिल को ठंडक पहुँचाए जो चूम लूँ ये गर्दन तो रूह का मयमयी इंतजाम हो उदर में थिरकती उन उंगलियों का अहसास परिंदो को उड़ान भरने को मिला जैसे पूरा ये जहान् हो कमर तेरी कयामत दिल को अटकाए बाँहो में भरूँ तो दिल को तेरी धड़कनों का भी ज्ञान हो तेरे बदन में तो जैसे स्वयं प्रकृति समाई है और रूप अलौकिक देख तेरा जैसे सजदे में झुका आसमान हो #चौबेजी #चौबेजी #नज़्म #nojoto #nojotohindi #beautiful #lady #nature