रोई शबनम, गुल हंसा, गुंचा खिला मेरे लिए, जिससे जो कुछ हो सका उसने किया मेरे लिए... गाँव अपना छोड़ के जब मैं चला परदेस को, हो के पुरनम माँ बाप ने मांगी दुआ मेरे लिए।।। #शायर_बदनाम #urdu #nojoto #eyes #parents