ये आंखें नशीली है कुछ तो छुपा है इसमें, कोई राज़ गहरा लगता है पलकों का हरदम पहरा लगता है तुम यूं चुप क्यों रहती हो क्या तुम्हे किसी का भय लगता है तुम्हारी खामोशी सच कहूं, अच्छी नही लगती, तुम्हारी मुस्कुराहट कुछ दिनों से , सच्ची नहीं लगती, बताती क्यों नही हो , हम साथ है तुम्हारे आइना बनकर साथ रहेंगे , ये अल्फाज़ है हमारे, कोई गम हो तो कह दिया करो, दिल का बोझ आंखों से धो लिया करो, सब्र करो एक रोज़ हासिल तुम्हे भी मुकाम होगा ,, तुम सबसे आगे होंगी तुम्हे रोकने वालों का, भीड़ में नाम होगा।। ©Monika Dhangar(RaahiKeAlfaaz) #sadpoetry💔 #raahikealfaaz#khawab#dream#nojoto#writercommunity#instapoetry