तेरी आरजू भी कितनी अजीब है कितनी अच्छी है कि वह कहती है उसके पास हमेशा रहो पर उस क्या पता इस सीने में कितना दर्द है तेरी आरजू भी कितनी अजीब है तेरी आरजू भी कितनी अच्छी है तेरी आरजू भी कितनी अच्छी है #कविता मेरी शायरी