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ये न थी हमारी किस्मत, जो विसाल-ए-यार होता। ऐ मुह

 ये न थी हमारी किस्मत, जो विसाल-ए-यार होता।
ऐ   मुहब्बत   तेरे   अंजाम   पे   रोना   आया ।।
(बेगम अख्तर)
'मल्लिका-ए-गजल' पद्मभूषण बेगम अख्तर के जन्मदिन पर उन्हें प्रणाम।
 ये न थी हमारी किस्मत, जो विसाल-ए-यार होता।
ऐ   मुहब्बत   तेरे   अंजाम   पे   रोना   आया ।।
(बेगम अख्तर)
'मल्लिका-ए-गजल' पद्मभूषण बेगम अख्तर के जन्मदिन पर उन्हें प्रणाम।