लबों से ज़्यादा लाली तो आपके रुख़सार पर तारी है, लगता है महफ़िल में मेरा नाम लेने की मश्क़ जारी है। लब- होंठ रुख़सार- गाल तारी - छाई हुई मश्क़- आदत/ अभ्यास/ महारथ 🎀 Challenge-325 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।