घूंघट में चाँद चाँद की चांदनी मे बैठे है, मुलाकात सितारों से है, गुल को गुलजार कर दिया,अब दोस्ती बहारो से है। सोचता हूँ अक्सर की कितने ही रंग बदलती है दुनिया, खेर बदलने दो दुनिया भी तो बदलते नजारो से है।। souravagarwal DRP