#KisanDiwas #रूक रुक कर #बदरा बरसे। प्यासी #मिट्ठी बूंद को तरसे।। आस #नयन से देखे किसान। चारो पहर करे नभ का ध्यान।। सुन लो #बिनती करे किसान। अबकी देर न करियो भगवान।। ✍️ #आशीष_गुप्ता