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गम ऐ जिंदगी में बहार आई है पीछे हट ऐ बेरुखी! मेरी

गम ऐ जिंदगी में बहार आई है
 पीछे हट ऐ बेरुखी! मेरी जान की नई उमर आई है.. 
उम्र के साथ मत लाना रुसवाई ऐ जिंदगी !
आज मेरी उस रब से इस बात पर भी लड़ाई है ..
बहुत है दिये गम ऐ जिंदगी तूने उसे
हौसला बढ़ा रखा है मैंने उसका।।
 इसलिए तेरी शामत आई है..
 टूटने नहीं दूंगा उसे मै‌
देखते रहना ।।
हूं गरीब पैसे से और दिल में अमीरी छाई है....
पल पल हर पल सांसो में सांसे भरता रहूंगा उसकी।।।
यह मैंने भी दिल से जिद लगाई है...
और कौन रोकेगा उसको उसके हक और खुशी से .......जब खड़ा उसके साथ उसका हमराही है...
 जीत लेंगे इस संसार को छिपे प्यार वाले दिल से।।। देखना तू रब इस रिश्ते में कितनी सच्चाई है ....


गम ऐ जिंदगी में बाहर आई है।।
 पीछे हट ऐ बेरुखी मेरी जान की नई उमर आई है।।।

(ढाका की कलम से)

©Saink Puneet Dhaka love 
for special
#Love  संजीव कुमार " गोला "
गम ऐ जिंदगी में बहार आई है
 पीछे हट ऐ बेरुखी! मेरी जान की नई उमर आई है.. 
उम्र के साथ मत लाना रुसवाई ऐ जिंदगी !
आज मेरी उस रब से इस बात पर भी लड़ाई है ..
बहुत है दिये गम ऐ जिंदगी तूने उसे
हौसला बढ़ा रखा है मैंने उसका।।
 इसलिए तेरी शामत आई है..
 टूटने नहीं दूंगा उसे मै‌
देखते रहना ।।
हूं गरीब पैसे से और दिल में अमीरी छाई है....
पल पल हर पल सांसो में सांसे भरता रहूंगा उसकी।।।
यह मैंने भी दिल से जिद लगाई है...
और कौन रोकेगा उसको उसके हक और खुशी से .......जब खड़ा उसके साथ उसका हमराही है...
 जीत लेंगे इस संसार को छिपे प्यार वाले दिल से।।। देखना तू रब इस रिश्ते में कितनी सच्चाई है ....


गम ऐ जिंदगी में बाहर आई है।।
 पीछे हट ऐ बेरुखी मेरी जान की नई उमर आई है।।।

(ढाका की कलम से)

©Saink Puneet Dhaka love 
for special
#Love  संजीव कुमार " गोला "

love for special #Love संजीव कुमार " गोला "