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खट्टी-मीठी ज़िंदगी प्रेम, ये वो वाला प्रेम नही है

खट्टी-मीठी ज़िंदगी प्रेम, 
ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है  हमारे रूम के पड़ोस वाला प्रेम है, ये हमारे क्लास वाला प्रेम है,ये शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और  ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, 
मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, 
हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा 
माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, पेड़े,ठेकुए खिलाने के
 लिए मुझे इटावा का चोर कहने के लिए, मधु जी का ख्याल रखने के लिए, हमारी बकचोदियो  को झेलने के लिए, और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए शुक्रिया यार
जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त प्रेम सत्संगी
.जलज कुमार राठौर प्रेम, 
ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है  हमारे रूम के पड़ोस वाला प्रेम है, ये हमारे क्लास वाला प्रेम है,ये शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और  ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, 
मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, 
हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा 
माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, पेड़े,ठेकुए खिलाने के
 लिए मुझे इटावा का चोर कहने के लिए, मधु जी का ख्याल रखने के लिए, हमारी बकचोदियो  को झेलने के लिए, और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए
शुक्रिया यार
जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त प्रेम सत्संगी
खट्टी-मीठी ज़िंदगी प्रेम, 
ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है  हमारे रूम के पड़ोस वाला प्रेम है, ये हमारे क्लास वाला प्रेम है,ये शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और  ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, 
मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, 
हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा 
माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, पेड़े,ठेकुए खिलाने के
 लिए मुझे इटावा का चोर कहने के लिए, मधु जी का ख्याल रखने के लिए, हमारी बकचोदियो  को झेलने के लिए, और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए शुक्रिया यार
जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त प्रेम सत्संगी
.जलज कुमार राठौर प्रेम, 
ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है  हमारे रूम के पड़ोस वाला प्रेम है, ये हमारे क्लास वाला प्रेम है,ये शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और  ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, 
मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, 
हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा 
माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, पेड़े,ठेकुए खिलाने के
 लिए मुझे इटावा का चोर कहने के लिए, मधु जी का ख्याल रखने के लिए, हमारी बकचोदियो  को झेलने के लिए, और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए
शुक्रिया यार
जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त प्रेम सत्संगी

प्रेम, ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है हमारे रूम के पड़ोस वाला प्रेम है, ये हमारे क्लास वाला प्रेम है,ये शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, पेड़े,ठेकुए खिलाने के लिए मुझे इटावा का चोर कहने के लिए, मधु जी का ख्याल रखने के लिए, हमारी बकचोदियो को झेलने के लिए, और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए शुक्रिया यार जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त प्रेम सत्संगी