वही धरती, वही अकाश, वही सूरज का प्रकाश, वही चांद,वही तारे, वही रात और दिन के बदलते नजारे, बदलता मौसम बदलती ऋतुए बदला दो हजार इक्कीस नहीं मन में कोई बीते वर्ष के प्रति टीस कुछ पाया है,कुछ खोया है,कुछ अनुभवों को संजोया है, इस बीते साल में सभी ने, कुछ अपनों को भी खोया है, रोग विकारों से मुक्ति हो,हो खूबसूरत एक उजाला, दो हजार बाईस लेकर आए,एक अमृत का प्याला, ©Sangeeta Verma #HappyNewYear #2021welcome #HappyNewYear