मो'जिज़े इसके भी कमाल हैं कभी बूँद में बरास्ता है तो कभी धूप में चमकता है कभी कम्पन सा थारक्त है तो कभी धूल में संवरता है कभी मुस्कुराहटों में झलकता है तो कभी आँसुओं से टपकता है न जाने ये खुदा खुद को क्या समझता है। खुदा #nojoto #nojotohindi #nojotopoetry #nojotoshyri #nojotokhuda #nojotobarish