ख़ुशी और गम खुशी में ज्यादा खुश ना होना. गम आये तो कभी ना रोना। । ये जग तो इक रंगमंच है. कर अभिनय.मत पात्र में खोना। । "जगदीश निराला" माँगरोल रंगमंच