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ज़िंदगी के सभी संकलन व्यर्थ थे थी अशुद्धि बहुत व्

ज़िंदगी  के सभी  संकलन व्यर्थ थे
थी अशुद्धि बहुत व्याकरण व्यर्थ थे
बिन तेरे मैंने जितने किये आजतक
'इश्क़' के वो सभी आंकलन व्यर्थ थे

--प्रशान्त मिश्रा "आँकलन व्यर्थ थे"
ज़िंदगी  के सभी  संकलन व्यर्थ थे
थी अशुद्धि बहुत व्याकरण व्यर्थ थे
बिन तेरे मैंने जितने किये आजतक
'इश्क़' के वो सभी आंकलन व्यर्थ थे

--प्रशान्त मिश्रा "आँकलन व्यर्थ थे"

"आँकलन व्यर्थ थे"