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प्यार सभी से पाया है पर तुमसे ममता पाई माँ! अपने ब

प्यार सभी से पाया है पर तुमसे ममता पाई माँ!
अपने बच्चों की ख़ातिर मैं बनूँ तेरी परछाईं माँ!

तुमसे होकर दूर तुम्हारा स्नेह मुझे बल देता है।
चाहे उलझने हों जितनी, उन सबके हल देता है।।

माँ की भूमिका निभाकर अक्सर मैं थक जाती हूँ।
पर आती जब पास तुम्हारे मैं बच्ची बन जाती हूँ।।

तुम हो, इसीलिए मैं हूँ और मुझमें मेरा बचपन है।
तुम होती हो साथ मेरे तो खुश रहता मेरा मन है।।

मेरी माँ को देवी माँ स्वस्थ रखें, खुशहाल रखें।
यही प्रार्थना है मेरी, वो मेरी माँ का ख़्याल रखें।।

©रश्मि बरनवाल "कृति" माँ #कृतिकीकविता #Nojoto #nojotohindi #kavita #maa
प्यार सभी से पाया है पर तुमसे ममता पाई माँ!
अपने बच्चों की ख़ातिर मैं बनूँ तेरी परछाईं माँ!

तुमसे होकर दूर तुम्हारा स्नेह मुझे बल देता है।
चाहे उलझने हों जितनी, उन सबके हल देता है।।

माँ की भूमिका निभाकर अक्सर मैं थक जाती हूँ।
पर आती जब पास तुम्हारे मैं बच्ची बन जाती हूँ।।

तुम हो, इसीलिए मैं हूँ और मुझमें मेरा बचपन है।
तुम होती हो साथ मेरे तो खुश रहता मेरा मन है।।

मेरी माँ को देवी माँ स्वस्थ रखें, खुशहाल रखें।
यही प्रार्थना है मेरी, वो मेरी माँ का ख़्याल रखें।।

©रश्मि बरनवाल "कृति" माँ #कृतिकीकविता #Nojoto #nojotohindi #kavita #maa