#OpenPoetry { इंतजार है मुझे उस मुलाकात का } तुमसे दूर हूँ पर मुझे एहसास है, तेरे साथ का। तू आफताब है वो, जिससे रोशन हुआ मैं टुकड़ा वो हूँ चाँद का।। कभी कभी बनजाता हूँ, गुनहगार तेरे जज्बात का। चाहता हूँ मैं भी मिलना तुमसे पर क्या करूँ? कैदी हूँ हालात का। तू जो इजाजत दे, बंजाऊँगा झुमका तेरी कान का।। मोका तो मिलने दो वज़ह बन जाऊंगा, तेरी हर एक हसीं मुस्कान का। जब हम हमेशा के लिए एक हो जाएंगे, इंतजार है मुझे उस मुलाकात का।। I wanna say sorry to my friends for late post there was some software problem in my mobile #complet