अफ़साने कई है इश्क़ के, मिसाल फिर इस बरबादी की, झूठे जमानों को कोई देता क्यों नहीं ? पैमाने कई है मश्क के, जरूरत फिर इस पानी की, सूखे तलाबों को कोई देता क्यों नहीं ? दिवाने कई है अश्क में, हकीकत फिर इस अबादी की, टूटे दिवानों को कोई देता क्यों नहीं ? #hindipoetry #shortpoem #hindi #love #truthoflove #heerranjha #yqdidi #yqbaba