Nojoto: Largest Storytelling Platform

रक्त के अंश से , जीवन का सारांश बन जातें हैं, आँच

रक्त के अंश से ,
जीवन का सारांश बन जातें हैं, 
आँचल में पल कर शिशु से ,
एक स्वतंत्र व्यक्तित्व बन जाते हैं..

जो हमारी ख़ुशियों में ,
हमसे भी ज्यादा खुश होती है,
जब कभी दर्द में हम रोते हैं,
हमसे भी ज्यादा माँ रोती है..

माँ की तुलना क्या करें किसी से,
माँ तो ममतामयी माँ होती हैं... 
आ जाये कोई परेशानी हमपे,
सारी सारी रात जागती रहती है..

हारते हैं जिंदगी में,हमें संभाल लेती है,
माँ जैसे अपनी संतानों के लिए ही जीती है..
माँ के चरणों से बढ़कर कोई तीर्थ नहीं,
माँ की सूरत में ही ईश्वर की मूरत होती हैं..
✍️

©Chanchal's poetry
  #motherlove
#motherisgod
#Ma