उन मायूस आंखों को देखा हमने , जो कमर की एक ओर नंग धड़ंग बच्चे को बिठाए और सर पर पत्थर के टुकड़ों से भरी टोकरी रखकर सड़क पर काम करती है। क्या सड़क के किनारे लगे नेमप्लेट पर इनका नाम लिखा जाएगा या दो रोटी कीमत इनके इस बलिदान पर मिट्टी डाल देगी? #labourworkerslife