"पनिहारन "
लेखक - कवि राहुल पाल
दिनांक -७ जून २०२१
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इक नार नवेली,छैल छबीली चली इठलाती पनघट पर ,
कर में कंगना ,कमर करधनी, नज़र है सबकी घूघट पर ,
पांव में पायल,आंख में काजल ,केश में गजरा गमकत है ,
मोरा तन-मन सिहरत रोम-रोम ,घुघरू की हर आहट पर !! #कविता#nojotohindi#nojotowriters#nojotonews#KRP#Paniharan