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।।मॉब लिन्चींग।। इस सत्ता मे जान कि कीमत तो है ही

।।मॉब लिन्चींग।।
इस सत्ता मे जान कि कीमत तो है ही नही।
जिसे जब चाहा बेगुनाह इन्सान को कभी गोहत्या के नाम पर,
कभी जय श्री राम और हनुमान के नाम ना बोलने पर,
कभी बेकसूर मुसलमान को चोरी के इल्जाम पर।
आखिर मे पूछना चाहता हू उन नामर्दों से क्या तुम्हारे राम ने और हनुमान ने कहा था के मेरे नाम से किसी बेगुनाह या किसी मजलूमो को मारना किसी कि जान लेना।
किसी का मजहब ये नही कहता कि तुम किसी इन्सानो पर अत्यचार करो एक दुसरे को काटो मारो। सबके मजहब ने शान्ती सुकून का पयाम दिया है।
क्युं है एतना भेदभाव मेरे भाई क्युं क्युं एतना इन्सान इन्सान का दुश्मन बन गया है।
जैसे जंगलो मे जानवर रह्ते है वैसे ही हालात हम इन्सान कि हो गई है।
और याद रखो मेरे भाई ये सत्ता के चक्कर मे आपस के ताल-मेल मत खराब करो। नुकसान अपना ही होने वाला है।
क्यूंकि ये आते है गरीबों के हक़ के लिए लड़ने लेकिन धीरे-धीरे इनका swiss बैंक और अन्या बैंक गरीबों के हक़ मे संघर्ष करते-करते बढता जाता है और अपने हक़ और अपने सपथ को भूल जाते है।
नफरत को मिटाओ 
शान्ति का परचम लेहराओ 
आपस मे भाईचारा बढ़ाओ।
🙏🙏 नफरत को मिटाओ।
।।मॉब लिन्चींग।।
इस सत्ता मे जान कि कीमत तो है ही नही।
जिसे जब चाहा बेगुनाह इन्सान को कभी गोहत्या के नाम पर,
कभी जय श्री राम और हनुमान के नाम ना बोलने पर,
कभी बेकसूर मुसलमान को चोरी के इल्जाम पर।
आखिर मे पूछना चाहता हू उन नामर्दों से क्या तुम्हारे राम ने और हनुमान ने कहा था के मेरे नाम से किसी बेगुनाह या किसी मजलूमो को मारना किसी कि जान लेना।
किसी का मजहब ये नही कहता कि तुम किसी इन्सानो पर अत्यचार करो एक दुसरे को काटो मारो। सबके मजहब ने शान्ती सुकून का पयाम दिया है।
क्युं है एतना भेदभाव मेरे भाई क्युं क्युं एतना इन्सान इन्सान का दुश्मन बन गया है।
जैसे जंगलो मे जानवर रह्ते है वैसे ही हालात हम इन्सान कि हो गई है।
और याद रखो मेरे भाई ये सत्ता के चक्कर मे आपस के ताल-मेल मत खराब करो। नुकसान अपना ही होने वाला है।
क्यूंकि ये आते है गरीबों के हक़ के लिए लड़ने लेकिन धीरे-धीरे इनका swiss बैंक और अन्या बैंक गरीबों के हक़ मे संघर्ष करते-करते बढता जाता है और अपने हक़ और अपने सपथ को भूल जाते है।
नफरत को मिटाओ 
शान्ति का परचम लेहराओ 
आपस मे भाईचारा बढ़ाओ।
🙏🙏 नफरत को मिटाओ।