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बमुश्किल आती है अब याद तुम्हारी, यादें भी खफ़ा ख

बमुश्किल आती है अब याद तुम्हारी, 

यादें भी खफ़ा खफ़ा सी हैं मेरा सब्र देखकर।


        ......सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' तन्हा मन और रूठी यादें
बमुश्किल आती है अब याद तुम्हारी, 

यादें भी खफ़ा खफ़ा सी हैं मेरा सब्र देखकर।


        ......सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' तन्हा मन और रूठी यादें