वो भी क्या दिन थे वो हसीं शाम थी मैं था और तुम थे तुम्हें जाने की जिद्द थी और हम रोके जा रहे थे जाने किसके डर से तुम सिमटे जा रहे थे हमने समझाया बहुत पर तुम नासमझ हुए जा रहे थे अब तो अतीत हुआ पड़ा है सब जाने किस किताब के पन्नो में लिखा पड़ा है अब तो याद करता हूं उन बातों को जो बीत गए याद बनकर बीते उन यादों को बहोत याद आते हो तुम यादों के साथ बस तुम नही आते ©Explorer #Hindidiwas यादें #यादें #अतीत #तुम #मैं #हमारी